प्यार के वास्ते वो बंधे रह गए
कोई तो कहे
क्या कहे
हम कहें
या वो कहे
किसी के दिल
की बात यार
हम क्यों कहें
हम उसके कैसे हो जाए
जब मुझे हज़म नहीं होता
बातें जो थीं छिड़ीं वो छिड़ीं रह गईं
उनके चाहत की हस्ती सजी रह गई
प्यार में हम नहीं इतने मशहूर थे
जितनी बेवफाई मुझको सुर्खियाँ मिल गईं
©®शिवम अन्तापुरिया
काम मोदी नहीं योगी जी आयेंगे
गाँव और वो गली में
नहीं आयेंगे
बात आयेगी इन्शानियत की अगर
काम गाँव के ही इन्शान आयेंगे
©®शिवम अन्तापुरिया
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