उनको खुद से ही
फ़ुरसत नहीं है
मुझे देखने की
चाहत नहीं है
अपने दिल के ख्वाब
सभी सामने रखने
बिन पूछे ही बताने की
मेरी आदत नहीं है
वो मानते ही नहीं
कि हम उनको
चाहते ही नहीं
जबरन समझाने की
है मेरी आदत नहीं
बिल्कुल फ़ितरत नहीं
सोच सकता नहीं
क्यों वो मानता है नहीं
रचयिता
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
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