Tuesday, April 9, 2019

कलयुग ऐसा ही होगा घोर

हमारे ऊपर  न ढाओ जुल्म......
हम अब जाने वाले हैं,,,,,
हजारों की महफिलों में हम.....
अकेले रहने वाले हैं,,,,,,

वही भीषम,वही भारत,वही गुरु द्रोण और अर्जुन भी वहीं,, बैठा रह जाएगा़... -2

वही द्रोपदि,,, का जब खींचने दुस्साशन चीर आएगा -2

बचाने वाला वो मोहन
हाथों में लिए मुरली बस दौड़ा आएगा -2

उस दिन ही समझ लेना तुम
हाँ ये घोर कलयुग है
जब ये वाकया फिर दोहराया जाएगा ,,,-2

सभा में घेर करके जब,,,,,
अबला पर हाथ उठाएँगे,,,,
हज्जारों शूर वीर भी ,,,,,,
नजर नीचे झुकाएँगे ,,,,,

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