*वोट ही तोड़*
शराफ़त की बाजार में
आज कोई शरीफ़ न होगा,
मगर प्रत्याशियों के भाषण से लगेगा
इससे बड़ा कोई शरीफ न होगा
मंच पर उनसे अच्छा
किसी के अंदर टैरिफ न होगा
उतरते ही टैरिफ खत्म,
उनसे बड़ा
कोई रिश्वत खोर
और दलाल न होगा
यही राजनीति का जनता
के पास वोट के बिना
कोई तोड़ न होगा
शिवम अन्तापुरिया
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