Monday, December 7, 2020

हैं राहें

_"हैं राहें"_ 

वो मुस्कुराहती राहें 
वो कुछ बताती राहें 
वो राहें दिखाती राहें 
मुझे अपना बनाती राहें 
तुझे अपना बताती राहें 

 जरा सी शर्माती हुई राहें 
 कुछ वो हिलोरें लेती राहें 
कुछ मन्ज़िल दिखाती राहें 
थीं कुछ हिचकिचातीं राहें 
   मुझे वो छेड़ती राहें 


किसी को हँसाती राहें 
किसी को रूलाती राहें 
किसी को तड़पाती राहें 
किसी को बुलाती राहें 
किसी को सिखाती राहें 
किसी को इठलाती राहें 

   वो हैं बहुरूपी राहें 
कभी बन्ज़र, कभी खन्ज़र 
  कभी हैं मोम की राहें 
कभी प्यासी, कभी भूखी 
   कभी हैं टूटती राहें 
कभी प्यारी, कभी न्यारी 
   कभी हैं बेरूखी राहें 
 कभी यादें, कभी भूली 
 कभी गुज़रती वो राहें 
कभी प्रेमी, कभी दुश्मन 
  कभी हैं प्रेमिका राहें 
कभी नफ़रत, कभी चाहत 
  कभी हैं ढूँढती राहें 
कभी साहस, कभी राहत 
   कभी तूफ़ान हैं राहें 
कभी वो दिन, कभी रातें 
  कभी हैं चाँदनी राहें 
कभी सुबहा, कभी शामें 
  कभी दोपहर हैं राहें 

   _शिवम अन्तापुरिया_

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