Monday, January 4, 2021

"नयी जिंदगी नया साल"

"नयी जिंदगी नया साल"

_नयी साल नयी जिंदगी को ला रही फ़िर_ 
 _आओ करें हम स्वागत नये साल का एक फ़िर_ 

उम्रें गुज़रती रहतीं, गुज़रते रहते दिन 
एक साथ मिलके रह लो एक साल और फ़िर 

 _आओ करें हम स्वागत नये साल का एक फ़िर_ 

यूँ तो हैं आती रहतीं ,रातें हर रोज़ और दिन 
इस रात गुज़र जाएगा बीस का हर पल 

 _आओ करें हम स्वागत नये साल का एक फ़िर_

देना तो गया दूर, बहुत कुछ है ले गया 
नये काम करें मिलकर ये न याद आए फ़िर 

 _आओ करें हम स्वागत नये साल का एक फ़िर_ 


कोरोना का था रोना,कहीं भूकम्प का कहर 
लाचार थी किसानी थे टिड्डीयों के दल 

 _आओ करें हम स्वागत नये साल का एक फ़िर_

वैश्विक बनी बीमारी, नेताओं के थे दिन 
खुद करते थे मन मर्ज़ी, जनता को कर देते थे कोरोन्टाइन 

 _आओ करें हम स्वागत नये साल का एक फ़िर_

सब हो गया था डिजिटल, बचा इंटरनेट का था पथ 
सब प्रेमियों का मिलना, मुश्किल हुआ फ़िर 

 _नयी साल नयी जिंदगी को ला रही है फ़िर_ 
 _आओ करें हम स्वागत नये साल का एक फ़िर_

          लेखक 
  ~ _शिवम अन्तापुरिया_ 
         उत्तर प्रदेश

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