Sunday, February 17, 2019

विचार

1- जैसा साथ होगा
      वैसा ही विकास होगा

2- हर लेख सही होते हैं
अपने मायने में
तभी कुछ दिक्कतें आती हैं
इस जमाने में

3- जिंदगी रूपी दरवाजे पर
धीरे-धीरे दस्तक देते रहिए,
किसी न किसी दिन किस्मत
खोलने जरूर आएगी

4- आजकल
        अफरे को निमंत्रण
और भूखे को फटकारा, तरसाया जा रहा है

5- वक्त बिगङते वक्त नहीं लगता
और वक्त सँभलते भी वक्त नहीं लगता

6- मैं प्रकृति प्रेमी हूँ, इसलिए सबकुछ प्रकृति को ही मानता हूँ

7- दुनियाँ में जो भी है सब प्रकृति की ही देन है, इसपर कभी स्वयं घमण्ड न करें

8- आज तक किसी ने कुछ भी नहीं जान पाया और न ही समझ पाया है

9- विद्यार्थी को भगवान का नाम लेना ही आरती है

10- अपने आपको सबकुछ समझना, प्रकृति का अपमान है

11- बच्चों और बुजुर्गों को नसमझ समझना
सबसे बङी मूर्खता है

12- हम अपनों को ही देखते हैं, लेकिन प्रकृति सबको देखती है

13- जो कुछ पाकर हँसे वो कुछ नहीं, जो कुछ खोकर हँसे वो सबकुछ है

14- जीत में जीतना जीत नहीं, हार में जीतना जीत है

15- धोखा अपनों से मिलता है, पराओं से नहीं

16- मैं इस मायाजाल को छोङना चाहता हूँ,
न कि फँसना, और न ही पैसे के लिए मरता हूँ

17- जो आपका अपमान करे तो उस अपमान को एक सम्मान की भाँति स्वीकार करें, न कि घृणा करें, फिर नतीजा देखें

18- अगर कुछ सीखना है तो उगते और अस्त होते सूर्य से सीखो जो दोनों समय एक समान दिखाई देता है

19- जो रास्ता अच्छा न हो उसी में अगर आपकी मंजिल है तो छोङे नहीं,
उसका ऐसा उपाय निकालो, कि उसी रास्ते से निकल सको,
क्योंकि सफलता परिश्रम में छुपी होती है

20- सँभलें तो हम सँभल सकते हैं
समझाने से दुनियाँ सभझ सकती है

21- अपना धैर्य और दृढ़ता न खोने से व्यक्ति असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है

22- हे मानव! तुम्हें ये जीवन किसी को सांत्वना देने के लिए नहीं, बल्कि शांति देने के लिए मिला है

23- गलतियाँ इंशान से ही होती हैं और जो माफ कर दे वही सबसे बङा (भगवान) स्वरूप होता है

24- जब कोई तुम पर बेरहमी बर्त रहा हो तब हमको रहम की किताब बंद कर देनी चाहिए

25- आपके जीवन के सच्चे सहयोगी व मार्गदर्शक माता-पिता होते हैं, और दुनियाँ का सबसे बङा गुरू ठोकर ही है जिसे खाते जाओगे सीखते जाओगे

26- कुछ कर दिखाओ, कुछ कर दिखाओ

27- मनुष्य को अपने सपने पूरे करने के लिए, जिस कार्य में उसकी लगन हो, उसी कार्य के अनुरूप परिपक्व होना भी संभव है

28- घूमकर भी देख लो, इस दुनियाँ में क्या-क्या है यारों
जो यहाँ नहीं है वो, किस जगह है खोज निकालो

29- सामाजिक व्यक्ति वही है
जो किसी भी व्यक्ति में छोटे या बङे होने की प्रवृत्ति को नहीं देखता सिर्फ उसके कर्मों पर ध्यान देता है

30- जिस व्यक्ति का आचरण अच्छा हो
उसके पहनावे पर कभी नहीं जाना चाहिए

31- असफलता मिलने पर अकेले में जाम की तरह पिया ,
सबके सामने आने पर खुशी की तरह इजहार किया

32-जिस तरह नवजात शिशु के साथ माँ नामंजूर काम कर देती हैं,
उसी तरह से हमारे साथ ईश्वर भी न सोचने वाले वक्त को भेज देता है

33- अब तक ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसने जन्म लेने के बाद से अब तक आसमान को न देखा हो
इसी तरह कोई भी व्यक्ति ऐसा भी नहीं होगा जिसको दुःख का सामना न करना पङा हो

34- अब बन जाते है दोस्त, अपनी अच्छाई का देकर झाँसा।
कर देते हैं तुम्हें बर्बाद, फिर खुद देखते है तमाशा

35-उस व्यक्ति की हार ही संभव मान लो
जो कुटिल व्यक्ति के साथ कुटिलता का वर्ताव न करे, और अंहिसा ही करता रहे

36- समुद्र की लहरों में जब तूफान उठता है
तब पता चलता है समुद्र में पानी कैसे रहता है

37- तसल्ली पाकर भी मुझे सुकून नहीं मिला
हौसलों ने मुझे रूकने भी नहीं दिया

38- न लाख मेरा होगा
  न एक मेरा होगा
बस कुछ कर दिखाने वालों में
            नाम मेरा होगा

39- मौत के साथ चलकर डर लगता नहीं
अपनों से बिछङकर भी मेरा गम बढ़ता नहीं

40- किसी से नहीं मंजिल खुद से मिलती है

41- अंदाज बदल गए अरमान बदल गए
कुछ दिनों के लिए लोगों के तेवर भी बदल गए

43- खिद्मते मौत छोङ दे उनको
जो गरीबी में हैं दब गए
मुद्दते बीमारी न मिले उनको
जो गरीबी में हैं पल रहे
हिफाजत कर दे खुदा उनकी
जिन पर साया न है पत्नी का

44- मच्छर के लिए अगर तलवार उठायी जाए
तो निरर्थक है

45- जो समझते नहीं थे दो कौङी का, वो लाखों का समझने लग गए
जिनके हाथों में थे खंजङ, वो हिफाजत करने लग गए

46- अगर कोई तुम्हारे ऊपर गलत शब्द (टिप्पणी) का प्रयोग करे
तो जबाव नहीं उसे मजाक समझकर भुला दो

47- हाँ जो भूलै प्रेम आपनों, वो जानै मेरो राज

48- It is now, so when saving
probably some any loving
It is we thought, so I love saving
And  I should fightfull life
struggle reach not
...........reading time 12th

....-"Nirmohi"

49- हमें अपने शरीर में अच्छी बातों को ही इंसटाल करना चाहिए, नहीं तो जैसे अधिक एप से फोन हैंग करने लगता है
वैसे ही आपका शरीर हो सकता है

50- चल दिए हैं कदम जो रूकेगें नहीं
सामने आए मौत का मंजर तो भी डरेगें नहीं

51- जो बिना दर्द के जिए अभी तक, वो क्या जानैं पीर

52- मनुष्य को गैरों की अधीनता से गरीब, और अपने आचरण से अमीर होना चाहिए

53- इंशानियत की भीख एक अच्छे इंशान से ही माँगी जाती है
न कि किसी हैवान से

54- मैंने अपने शरीर कोन से अलग कर दिया है शरीर पर प्यार भी और गुस्सा भी है जो लिखता हूँ मन से, शरीर के लिए नहीं

55- मैं किसी और को नहीं अपने को बाहर करके, खुद शरीर को निहारकर लिखता
हूँ

56-मेरी सोच अब तक
इरादों की मंजिल बनी है
रूकी है
वहीं है वहीं है

57- दर्दों को सहना ही सही
कुछ करने की इच्छा तो हो
नाराज करना तो दुनियाँ जानती है
खुश करने का भी तरीका हो

58-  जो लोग माता पिता को भगवान की तरह पूजते हैं
सफलता उन्हें ढूँढकर खुद  उनके पास आती है

59- कुछ जख्म औजारों से नहीं, आवाजों से दिए जाते हैं
दर्द दूधिया रोशनी में ही नहीं, अँधेरे में भी उठ जाते हैं

60- पानी जब मर्यादा तोङता है, तो विनाश होता है
वाणी जब मर्यादा तोङती है, तो सर्वनाश होता है

61- मौत को दुलामा हम
        दे नहीं सकते
किस्मतों से खेल हम
     षखेल नहीं सकते

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