मध्यप्रदेश को ह्दयप्रदेश के नाम
से जाना ( सम्बोधित!) जाता है
मध्यप्रदेश की धरती ने हर श्रंगार
निखारे हैं
कोयले की खानों से लेकर
हीरे पन्ना तक दे डाले हैं
1 नवम्बर राज्य दिवश, बरगद, बारहसिंहा, दूधराज राजकीय सम्मान हैं
सफेद शेर रीवा में जन्में, वनों और सोयाबीन में पहले स्थान हैं
होशंगाबाद में नोट का कागज
देवाश में करेंसी छापाखाना है
नेपालनगर मांधारी का अखबारी कागज
हर जगह पर छाया है
क्षिप्रा नदी के गोद में महाकालेश्वर मंदिर,
रत्नकेन्द्र जबलपुर में, किलों का रत्न ग्वालियर दुर्ग, उज्जैन को अवन्ति, भारत का जिब्राल्टर ग्वालियर के किले को कहते हैं
इन्हीं सभी प्राकृतिक और तकनीक से मध्यप्रदेश की बढ़ती जाती शान है
~ शिवम अन्तापुरिया "निर्मोही"
No comments:
Post a Comment