Sunday, February 24, 2019

point 1-
एफ आई आर  दर्ज करवाते समय Mr.हरपाल s/o गजराज सिंह उम्र 40 वर्ष ने अपना  पता R/o village Kasan, tahsil manesar distic Gurgaon Haryana मोबाइल नंबर 9671469074  बताया है।

Point 2- पेज नं 65
जब हरपाल  s/o गजराज सिंह ने अपना बयान दर्ज कराया तब अपनी उम्र 20 वर्ष और अपना मोबाइल नंबर 7440970524 और अपना पता village thari kaiwar, ps umari, distic Bhind, M.P. बताया है
जो कि एफ आई आर दर्ज कराते समय से भिन्न है।
point 3-
victim हरपाल s/o  गजराज सिंह ने अपने बयान में फिरौती की कोई भी बात नहीं कही है। कि मुझसे कोई भी फिरौती नहीं माँगी गई है।

प्रेम करने दो

बहुत हुए वो इतिहास जिन्हें
  पढ़कर घिन आती है

बहुत हुए वो विश्वास
जिन्हें करके प्रेम की
    डालियाँ टूट जाती हैं
हम सच्चे प्रेमी हैं मुझे प्रेम करने दो

Thursday, February 21, 2019

पाकिस्तान पर शब्दों के वार

जो न्याय नीति को समझे न
उसको इतिहास पढाना क्या
ये पाकिस्तानी चमगादङ हैं
इनको प्रकाश दिखाना क्या

जब जब युध्द भूमि में हारे हैं
   तो घुटनों पर आ जाते हैं
जब पेट टूटते दिखते हैं
     तो पैरों में पङ जाते हैं

इन दृष्टिहीन चमगादङों को
अब हम सबक सिखाएँगें
जिन्दा हो या मुर्दा हो
अब सबको दफनाएँगें

ओ भारत के वीरों अब
इमरान का भी विकेट
गिराना होगा
बहुत जल्द पाकिस्तानी
धरती से जिहाद मिटाना होगा

पाक की नापाक हरकतों से
अब दिल नाखुश हो बैठा है
झूठ-मूठ की बातों में
ये गैरों का सहारा ले बैठा है

खुद को मर्द बताकर
कायरों की तरह
पीठ दिखाते हैं
पाकिस्तानी चमगादङ
होकर खुद को हंस बताते हैं

भरतभूमि की रणगाथा को
फिर से दोहराना होगा
जन्म ले रहे भटकल जैसे
आतंकियों को गर्भ में ही
मिटाना होगा

भारत माँ के माथे पर
हम कोई दाग नहीं आने देंगे
जो आतंकी बनना चाहेगा
शूली पर उसको चढ़ा देंगे

   जिसको कोयल समझा था
वो भी आवाज से कौआ निकला
वर्तमान पीएम भी उसका
पिछले बकरों जैसा
   जिहादी निकला

रोज-रोज हम तेरे जैसा
झूठ नहीं बोल पाएँगे
हर पाकिस्तानी बकरों का
भारतीय शेरों को भोजन
करवाएँगे

इमरान सावधान अब तू हो जा
तेरे कठपुतली जैसा नाच नहीं हम
नाचेगें
ताण्डव नृत्य भोला जैसा
एकबार हम नाचेगें

बार-बार की गलती से
अब माफी का पन्ना फाङेगें
ऐ पाकिस्तानी गीदङ तुमको
अब बंजर में ही गाढेगें

एकबार तू चीन के पास
बैठ पूछ लेना
जिसको बाप समझता है
उससे भी मेरी औकात
पूँछ लेना

शायद सन 48 और 65 तुमको
फिर से याद दिलाना होगा
कारगिल हिमगिरि जैसी
तुमको एक हार और झेलना होगा

पाकिस्तानी तरबूजों पर अब हम छुरियाँ चलवाएँगे
पानी तो पानी रहा बक्कल भी पिसवाएँगे

पाक धरा उस दिन
    पाप मुक्त हो जाएगी
     पाकिस्तानी धरती से
जिस दिन जिहादी मिट जाएगी

मौन शब्द से बँधे हुए जिस दिन हाथ
मेरे खुल जाएँगे
भारत से लेकर पाक, चीन धरा तक तिरंगा तिरंगा ही लहराएँगे 

   । अब भारतीय राजनीति पर व्यंग्य ।

हम कवियों के ओज पर बोलने व लिखने मात्र से क्या होगा
जब तक राजनेताओं में ओज नहीं होगा
..................................................
ब्रह्मोस, अग्नि, पृथ्वी शायद राजनेताओं के नाती, पंती, बेटों के मुण्डन में दागी जाएँगी,

इसीलिए लगता है तब तक सैकड़ों माताओं की
गोद उजाङी जाएंगी,
कायरता तो आतंकियों ने दिखलाई है,
लेकिन सब होते हुए हम क्यों कायर से बन बैठे हैं

वो हिंसा करने से पीछे नहीं हटते
और हम अहिंसा लिए बैठे हैं

अब कितनी और माताओं की गोद व सुहाग उजाङे जाएँगे

इस भरतभूमि की माटी में, कितने और सपूत गवाए जाएँगे

बहुत हुए शहीद कितने सर और कटाकर हम शांति प्रिय बन पाएँगे

जो कुछ भी लागू या बंदी करना हो वो सबकुछ साहब! कर लो तुम

लेकिन एक बात पर गौर करो
शहीद बंदी भी लागू कर दो तुम

साहब!
तब सर्जिकल से क्या होगा
घुसकर मारने से क्या होगा
फिर ढिंढौरा पीटने वाले
आपके भाषण का क्या होगा

जब सैकड़ों अबिलाओं की
माँग में सिन्दूर नहीं होगा
कितनी गोदें सूनी हो गई
कितनों के सर पर भूचाल
सा आ गया होगा
जिनका पिता दुधमुँहे
को सिर्फ
माँ के हवाले छोङ गया होगा

आजकल तिरंगा की आँखों में भी
आँशू भर आते हैं
पाकिस्तानी सीमा पर हम फहराए कम
लपेटे ज्यादा जाते हैं

भारतीय सेना की लगाम अब जरा ओज कवियों के हाथों में देकर देखो तुम

फिर पाकिस्तानी धरती पर मचता कोहराम देखना तुम

~ ओज से दहकते अंगारो के बीच चलना सीखा है किसी से जलना नहीं
शिवम अन्तापुरिया "निर्मोही"

संपर्क करें 9454434161

......

हुआ इश्क पर फिर पहरा

जो अब दिखता
है बहरा बहरा

ऊच नीच का भाव नहीं
इश्क यही कहे
सब अपना अपना

Sunday, February 17, 2019

विचार

1- जैसा साथ होगा
      वैसा ही विकास होगा

2- हर लेख सही होते हैं
अपने मायने में
तभी कुछ दिक्कतें आती हैं
इस जमाने में

3- जिंदगी रूपी दरवाजे पर
धीरे-धीरे दस्तक देते रहिए,
किसी न किसी दिन किस्मत
खोलने जरूर आएगी

4- आजकल
        अफरे को निमंत्रण
और भूखे को फटकारा, तरसाया जा रहा है

5- वक्त बिगङते वक्त नहीं लगता
और वक्त सँभलते भी वक्त नहीं लगता

6- मैं प्रकृति प्रेमी हूँ, इसलिए सबकुछ प्रकृति को ही मानता हूँ

7- दुनियाँ में जो भी है सब प्रकृति की ही देन है, इसपर कभी स्वयं घमण्ड न करें

8- आज तक किसी ने कुछ भी नहीं जान पाया और न ही समझ पाया है

9- विद्यार्थी को भगवान का नाम लेना ही आरती है

10- अपने आपको सबकुछ समझना, प्रकृति का अपमान है

11- बच्चों और बुजुर्गों को नसमझ समझना
सबसे बङी मूर्खता है

12- हम अपनों को ही देखते हैं, लेकिन प्रकृति सबको देखती है

13- जो कुछ पाकर हँसे वो कुछ नहीं, जो कुछ खोकर हँसे वो सबकुछ है

14- जीत में जीतना जीत नहीं, हार में जीतना जीत है

15- धोखा अपनों से मिलता है, पराओं से नहीं

16- मैं इस मायाजाल को छोङना चाहता हूँ,
न कि फँसना, और न ही पैसे के लिए मरता हूँ

17- जो आपका अपमान करे तो उस अपमान को एक सम्मान की भाँति स्वीकार करें, न कि घृणा करें, फिर नतीजा देखें

18- अगर कुछ सीखना है तो उगते और अस्त होते सूर्य से सीखो जो दोनों समय एक समान दिखाई देता है

19- जो रास्ता अच्छा न हो उसी में अगर आपकी मंजिल है तो छोङे नहीं,
उसका ऐसा उपाय निकालो, कि उसी रास्ते से निकल सको,
क्योंकि सफलता परिश्रम में छुपी होती है

20- सँभलें तो हम सँभल सकते हैं
समझाने से दुनियाँ सभझ सकती है

21- अपना धैर्य और दृढ़ता न खोने से व्यक्ति असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है

22- हे मानव! तुम्हें ये जीवन किसी को सांत्वना देने के लिए नहीं, बल्कि शांति देने के लिए मिला है

23- गलतियाँ इंशान से ही होती हैं और जो माफ कर दे वही सबसे बङा (भगवान) स्वरूप होता है

24- जब कोई तुम पर बेरहमी बर्त रहा हो तब हमको रहम की किताब बंद कर देनी चाहिए

25- आपके जीवन के सच्चे सहयोगी व मार्गदर्शक माता-पिता होते हैं, और दुनियाँ का सबसे बङा गुरू ठोकर ही है जिसे खाते जाओगे सीखते जाओगे

26- कुछ कर दिखाओ, कुछ कर दिखाओ

27- मनुष्य को अपने सपने पूरे करने के लिए, जिस कार्य में उसकी लगन हो, उसी कार्य के अनुरूप परिपक्व होना भी संभव है

28- घूमकर भी देख लो, इस दुनियाँ में क्या-क्या है यारों
जो यहाँ नहीं है वो, किस जगह है खोज निकालो

29- सामाजिक व्यक्ति वही है
जो किसी भी व्यक्ति में छोटे या बङे होने की प्रवृत्ति को नहीं देखता सिर्फ उसके कर्मों पर ध्यान देता है

30- जिस व्यक्ति का आचरण अच्छा हो
उसके पहनावे पर कभी नहीं जाना चाहिए

31- असफलता मिलने पर अकेले में जाम की तरह पिया ,
सबके सामने आने पर खुशी की तरह इजहार किया

32-जिस तरह नवजात शिशु के साथ माँ नामंजूर काम कर देती हैं,
उसी तरह से हमारे साथ ईश्वर भी न सोचने वाले वक्त को भेज देता है

33- अब तक ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसने जन्म लेने के बाद से अब तक आसमान को न देखा हो
इसी तरह कोई भी व्यक्ति ऐसा भी नहीं होगा जिसको दुःख का सामना न करना पङा हो

34- अब बन जाते है दोस्त, अपनी अच्छाई का देकर झाँसा।
कर देते हैं तुम्हें बर्बाद, फिर खुद देखते है तमाशा

35-उस व्यक्ति की हार ही संभव मान लो
जो कुटिल व्यक्ति के साथ कुटिलता का वर्ताव न करे, और अंहिसा ही करता रहे

36- समुद्र की लहरों में जब तूफान उठता है
तब पता चलता है समुद्र में पानी कैसे रहता है

37- तसल्ली पाकर भी मुझे सुकून नहीं मिला
हौसलों ने मुझे रूकने भी नहीं दिया

38- न लाख मेरा होगा
  न एक मेरा होगा
बस कुछ कर दिखाने वालों में
            नाम मेरा होगा

39- मौत के साथ चलकर डर लगता नहीं
अपनों से बिछङकर भी मेरा गम बढ़ता नहीं

40- किसी से नहीं मंजिल खुद से मिलती है

41- अंदाज बदल गए अरमान बदल गए
कुछ दिनों के लिए लोगों के तेवर भी बदल गए

43- खिद्मते मौत छोङ दे उनको
जो गरीबी में हैं दब गए
मुद्दते बीमारी न मिले उनको
जो गरीबी में हैं पल रहे
हिफाजत कर दे खुदा उनकी
जिन पर साया न है पत्नी का

44- मच्छर के लिए अगर तलवार उठायी जाए
तो निरर्थक है

45- जो समझते नहीं थे दो कौङी का, वो लाखों का समझने लग गए
जिनके हाथों में थे खंजङ, वो हिफाजत करने लग गए

46- अगर कोई तुम्हारे ऊपर गलत शब्द (टिप्पणी) का प्रयोग करे
तो जबाव नहीं उसे मजाक समझकर भुला दो

47- हाँ जो भूलै प्रेम आपनों, वो जानै मेरो राज

48- It is now, so when saving
probably some any loving
It is we thought, so I love saving
And  I should fightfull life
struggle reach not
...........reading time 12th

....-"Nirmohi"

49- हमें अपने शरीर में अच्छी बातों को ही इंसटाल करना चाहिए, नहीं तो जैसे अधिक एप से फोन हैंग करने लगता है
वैसे ही आपका शरीर हो सकता है

50- चल दिए हैं कदम जो रूकेगें नहीं
सामने आए मौत का मंजर तो भी डरेगें नहीं

51- जो बिना दर्द के जिए अभी तक, वो क्या जानैं पीर

52- मनुष्य को गैरों की अधीनता से गरीब, और अपने आचरण से अमीर होना चाहिए

53- इंशानियत की भीख एक अच्छे इंशान से ही माँगी जाती है
न कि किसी हैवान से

54- मैंने अपने शरीर कोन से अलग कर दिया है शरीर पर प्यार भी और गुस्सा भी है जो लिखता हूँ मन से, शरीर के लिए नहीं

55- मैं किसी और को नहीं अपने को बाहर करके, खुद शरीर को निहारकर लिखता
हूँ

56-मेरी सोच अब तक
इरादों की मंजिल बनी है
रूकी है
वहीं है वहीं है

57- दर्दों को सहना ही सही
कुछ करने की इच्छा तो हो
नाराज करना तो दुनियाँ जानती है
खुश करने का भी तरीका हो

58-  जो लोग माता पिता को भगवान की तरह पूजते हैं
सफलता उन्हें ढूँढकर खुद  उनके पास आती है

59- कुछ जख्म औजारों से नहीं, आवाजों से दिए जाते हैं
दर्द दूधिया रोशनी में ही नहीं, अँधेरे में भी उठ जाते हैं

60- पानी जब मर्यादा तोङता है, तो विनाश होता है
वाणी जब मर्यादा तोङती है, तो सर्वनाश होता है

61- मौत को दुलामा हम
        दे नहीं सकते
किस्मतों से खेल हम
     षखेल नहीं सकते

Saturday, February 16, 2019

। मध्यप्रदेश की शान । पर कविता

मध्यप्रदेश को ह्दयप्रदेश के नाम
     से जाना ( सम्बोधित!)  जाता है
मध्यप्रदेश की धरती ने हर श्रंगार
        निखारे हैं

कोयले की खानों से लेकर
हीरे पन्ना तक दे डाले हैं

1 नवम्बर राज्य दिवश, बरगद, बारहसिंहा, दूधराज राजकीय सम्मान हैं

सफेद शेर रीवा में जन्में, वनों और सोयाबीन   में पहले स्थान हैं

होशंगाबाद में नोट का कागज
देवाश में करेंसी छापाखाना है
नेपालनगर मांधारी का अखबारी कागज
    हर जगह पर छाया है

क्षिप्रा नदी के गोद में महाकालेश्वर मंदिर,
रत्नकेन्द्र जबलपुर में, किलों का रत्न ग्वालियर दुर्ग, उज्जैन को अवन्ति, भारत का जिब्राल्टर ग्वालियर के किले को कहते हैं
इन्हीं सभी प्राकृतिक और तकनीक से मध्यप्रदेश की बढ़ती जाती शान है

~ शिवम अन्तापुरिया "निर्मोही"

Saturday, February 9, 2019

बसंत पंचमी

   ।। ज्ञान की बयार सरस्वती ।।

आया ये बसंत का त्योहार
माँ सरस्वती के चरणों का
गुणगान करें संम्पूर्ण संसार
कर में वीणा,पुस्तक धारिणी
ज्ञान भरा है जिनका व्यवहार,

हे सरस्वती माँ शारदे
तेरे चरणों में नित शीश
झुकाता हूँ मैं बारम्बार
यही कामना है मेरी आपसे
रोज बहा दो ज्ञान की
सारे संसार में बयार,

~ शिवम अन्तापुरिया "निर्मोही"
माँ सरस्वती के चरणों का हमेशा दास है

09/02/2019