मेरे हालात से क्या होगा
बिखरे अलफाज हैं उसके
चंदन समझ करके मिट्टी को
माथे पर तिलक है उसके
सच्चा गवाह था एक ही मेरा
हजारों झूठे गवाह हैं उसके
करूँ क्या आरजू मंन्नत
हजारों बेदर्दी, बेरहम चेहरे हैं उसके
कहे अन्तापुरिया आज खुद से
चलो तुमको भी मुलाकात करा दें बेहया चेहरे से उसके
~ »शिवम अन्तापुरिया....
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