Saturday, November 10, 2018

इश्क है उसे

मेरे हालात से क्या होगा
  बिखरे अलफाज हैं उसके

चंदन समझ करके मिट्टी को
माथे पर तिलक है उसके

सच्चा गवाह था एक ही मेरा
हजारों झूठे गवाह हैं उसके

    करूँ क्या आरजू मंन्नत
हजारों बेदर्दी, बेरहम चेहरे हैं उसके

     कहे अन्तापुरिया आज खुद से
चलो तुमको भी मुलाकात करा दें बेहया चेहरे से उसके

~  »शिवम अन्तापुरिया....

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