अरे हालात न पूछो
मेरे हर पल की बात न पूछो
कैसे खेतों में काम करता है
किसान
दिन भर खून को पसीना बनाकर बहाता है
न फसल भाव में मिलता है
न उसका कभी कोई दाँव होता है
जब भी सरकार को जरूरत पङती है
तब उसको निचोङ लेती है
किसान
क्या यही फर्ज होता है
उसकी जिंदगी में हमेशा
अर्ज ही होता है
चाहें भगवान से हो या इंशान
फिर भी कोई नेता उसको
इज्जत देने की बात क्यों नहीं करता है
~ अन्तापुरिया
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