मैं भूल चुका था वो दिन
मुझे न याद था वो दिन
घाव पर नमक सा झिङकने
के लिए
शायद उसने याद दिलाया था वो दिन
मै मजबूर था मैं मगरूर था
मगर तेरे सामने झुकने के लिए
मै बना न था
आज तू जो है
बना रह
मैंने तेरे हालात पर सवाल
बता
किया ही कब था
~ अन्तापुरिया
No comments:
Post a Comment