Saturday, October 27, 2018

वो दिन

मैं भूल चुका था वो दिन
मुझे न याद था वो दिन
घाव पर नमक सा झिङकने
के लिए
शायद उसने याद दिलाया था वो दिन

मै मजबूर था मैं मगरूर था
मगर तेरे सामने झुकने के लिए
मै बना न था
आज तू जो है
बना रह
मैंने तेरे हालात पर सवाल
बता
किया ही कब था
~ अन्तापुरिया

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