Saturday, October 3, 2020

कुछ सीख तो

उसे आजतक मेरे आने का इंतजार है
अब मेरा भी दिल यहाँ पे बेकरार है


शिवम अन्तापुरिया

    जिंदगी है ये बहुत कुछ सीख देती है 
लेकिन उस सीख का अनुसरण करने वाला भी 
          अर्जुन की भाँति होना चाहिए 
                       ~ शिवम अन्तापुरिया

शहादत से भरी महफ़िल भगत के नाम मैं लिख दूँ 
_जिनसे है मिली आजादी कैसे उन्हें गुमनाम मैं कर दूँ 

शिवम अन्तापुरिया

साहब ! कई ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं 
जो मन को झकझोर जाती हैं 

शिवम अन्तापुरिया


मेरी जिंदगी में सदा वो निशाने रहे 

हाँ वो हमारे हम उनके दीवाने रहे

जिंदगी में थोड़ा सा फ़र्क ये रहा 

वो दिल्ली हम यूपी के दीवाने रहे 

      शिवम अन्तापुरिया


ये जिंदगी जितनी हँसती-मुस्कुराती हुई दिखती है न, क्योंकि अन्दर से उससे कई गुना ज्यादा दु:खी होती है न शिवम अन्तापुरिया

अपनी दीवार पर उसने मेरा फोटो ही टाँगा था_ 
_मगर घर वालों ने दो सूखे फ़ूल का माला भी डाला था_ 

_शिवम अन्तापुरिया

ये जिंदगी एक तन्हाइयों से_
 _भरा हुआ झोला है_
_इसे उठाकर जो चल दिया_ 
_वो चलता ही गया है_ 
_शिवम अन्तापुरिया_


पुरानी यादों के महल आज खाक कर दिए !!

उन्हें जो भी लगता हो हम तो माफ़ कर दिए !!


शिवम अन्तापुरिया

किरणें भी बहुत कुछ सिखाती हैं 
 बस सीखने कला मानव को ही सीखनी होगी  

©शिवम अन्तापुरिया

मेरे खौंफ़ से मेरे दुश्मन खंज़र भोंका करते हैं 
धोखे से भी दुश्मनों की नहीं हम निंदा करते हैं 
भले ही जान ले लें आज ही आकरके वो मेरी 
कभी भी जान की अपनी नहीं हम चिंता करते हैं 

शिवम अन्तापुरिया

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