"देखना होगा"
बची है जिंदगी जो भी
उसे भी काटना होगा
कोई एक रोज़ का होगा
कोई दो रोज़ का होगा
नफ़ा नुकसान दुनियाँ में
हजारों लाखों के होते
मगर सबसे बड़ा नुकसान
तो ये जान का होगा
लिखा कर माथे पे आए
उसे तो देखना होगा
लगीं जंज़ीर हाथों में
उन्हें भी तोड़ना होगा
मुशाफ़िर थे हम राहों के
मुशाफ़िर बन के आए हैं
किसी के साथ रहकर के
ये मंज़िल काटना होगा
रचयिता
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
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