रहे गर जान जब तक ये हमें पहचान दे देना
*पाक ए दिल में बसता है शिवम को जान लो अब तुम*
*किसी भी बात को लेकर ये पाकिस्तान ले लेगा*
मैत्रीय सम्बन्ध रखो
पाकिस्तान शांतिप्रिय बनो
फ़ौज अपनी हटाओ तुम
फ़ौज अपनी हटाएँ हम
हाथ दोनों मिलाकरके
दुनियाँ को दिखाए हम
सुनाएँ शांति वार्ता को
सुनाएँ शान्त गीतों में
सुनना यूँ जरूरी है
सुनाना भी जरूरी है
किसी के जख्मों से जखम
कभी हैं भर नहीं जाते
अधर में छोड़ कर उसको
कभी हैं हम नहीं जाते
हाथ अब तुम बढा़ओ गर तो
मैत्रीयता को निभाते हैं हम
ये छुटपुट बातें तो घर में
सदा होती ही रहतीं हैं
जरा सा अब भुलाओ तुम
जरा सा अब भुलाएँ हम
किसी की भूमि ही ये है
किसी की मातृभूमि है
सोचना एक ही है अब
क्यों करते गोदें सूनी हैं
ये सारा आसमाँ तेरा
ये सारी मिट्टी भी तेरी
एक कण ले न जाओगे
भले कह डालो तुम सारा
ये सब विश्व है मेरा
~ शिवम अन्तापुरिया
कानपुर उत्तर प्रदेश
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