_उनके दिखावे को प्रेम कैसे नाम दूँ_
_जिनके दिखावे में हो अश्लील चित्र हार_
_उनके साहस को महान कैसे नाम दूँ_
_राष्ट्र के बचाव में जिनसे उठे न ढाल_
_उनके हाथ में तलवार कैसे मान लूँ_
_चूमते रहे जो सदा प्रेयसी के मस्तकों को_
_आज उन्हें युद्ध में महान कैसे मान लूँ_
_शिवम अन्तापुरिया_
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