बहुत शेष है मुझको करना
सबसे सावधान है रहना
जीवन की पतवार धरा पर
खुद है खेकर पार लगाना
बहुत शेष है मुझको करना
अब अंधकार के पथ हैं सारे
जिनपर रोशन होकर चलना
शासन सत्ता के गलियारों पर
कभी नहीं तुम भरोसा करना
बहुत शेष है मुझको करना
यहाँ कर्म भूमि में युद्ध है लड़ना
सँभल-सँभल के पग है रखना
ये जीवन है आशाओं का डेरा
हाँ है आशाओं को पाले रखना
बहुत शेष है मुझको करना
शिवम अन्तापुरिया
उत्तर प्रदेश
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