Tuesday, August 2, 2022

हर घर तिरंगा

वीर जवानों के सीने में बसा तिरंगा रहता है।
देश हमारे का गौरव यूँ सदा तिरंगा रहता है।।

तिरछी नज़र से देखा जिसने,
 उसका मिटना सम्भव है।
भारत माँ के हाथ तिरंगा,
 हर भारत वासी का गौरव है।।

~ अन्तापुरिया 

Wednesday, July 27, 2022

स्त्री पुरुष के बीच असमानता की खाई अभी भी है नामक लेख दिल्ली से प्रकाशित रेड हैंडेड अखबार में

महान कैसे मान लूँ

_जिनके ह्रदय में अब वासना हो काम की_ 
 _उनके दिखावे को प्रेम कैसे नाम दूँ_ 
 _जिनके दिखावे में हो अश्लील चित्र हार_ 
 _उनके साहस को महान कैसे नाम दूँ_ 
 _राष्ट्र के बचाव में जिनसे उठे न ढाल_ 
 _उनके हाथ में तलवार कैसे मान लूँ_ 
 _चूमते रहे जो सदा प्रेयसी के मस्तकों को_ 
 _आज उन्हें युद्ध में महान कैसे मान लूँ_ 

    _शिवम अन्तापुरिया_

प्रेम की भाषा नहीं

_मान लो आँखों में मेरी है प्रेम की भाषा नहीं_ 
 _है मगर दिल में जो मेरे उस देश की परिभाषा नहीं_ 
 _तुम-तुम -तुम सब प्रेम पर मरकर प्रेम को परिभाषित करो_ 
 _है मगर मेरी गुलामी की यहाँ आदत नहीं_ 

 _शिवम यादव "अन्तापुरिया"_

कौन ईमानदार है

किसान ऋण न चुका पाए तो आत्महत्या करता है। बल्कि उद्योगपति विदेश भाग जाता है इसमें ईमानदार कौन हुआ...

ऐसे गरीबी दूर की बात है

मात्र रोटी,कपड़ा और मकान मिलने से ही गरीबी दूर नहीं हो सकती है 
जब तक कि व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उस पर ही नहीं होगी 

- शिवम अन्तापुरिया

नैतिकता

नैतिकता के कदम उठाना, 
इस जग में सबसे भारी है।
उठ गए कदम नैतिकता पर तो, 
समझो परिवर्तन जारी है।।

- शिवम यादव "अन्तापुरिया"